संभाले नहीं संभला जो आज बदला है। जिंदगी का रूप-रंग निखरा है। संभाले नहीं संभला जो आज बदला है। जिंदगी का रूप-रंग निखरा है।
विश्वास मुझे है इस धरती पर विश्वास मुझे है इस धरती पर
मेरी माँ के रूप अनेक एक से बढ़कर एक हर छबि मनोहर।। मेरी माँ के रूप अनेक एक से बढ़कर एक हर छबि मनोहर।।
जो हल जोते, फसल उगाए उसे उसकी कीमत नहीं मिलती। जो हल जोते, फसल उगाए उसे उसकी कीमत नहीं मिलती।
माँ का लाडला होता है बेटा, पिता का गर्व होता है बेटा। माँ का लाडला होता है बेटा, पिता का गर्व होता है बेटा।
The best phase in everyone's life is childhood. Here is a poem dedicating to all the children out th... The best phase in everyone's life is childhood. Here is a poem dedicating to all...